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कैसे रहें हरदम फिट

बीमारियों से बचने और स्वस्थ रहने के लिए एक संतुलित जीवनशैली अपनाना आवश्यक है। इसमें सही आहार, नियमित व्यायाम, मानसिक स्वास्थ्य, और स्वस्थ आदतों का पालन शामिल है। यहाँ कुछ सुझाव दिए जा रहे हैं जो आपको स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं: ### **क्या खाएं:** 1. **संतुलित आहार**:     - **फल और सब्जियाँ**: रोजाना विभिन्न प्रकार के ताजे फल और सब्जियाँ खाएं। इनमें विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।    - **प्रोटीन**: प्रोटीन युक्त आहार जैसे दालें, फलियाँ, अंडे, मछली, और नट्स का सेवन करें। प्रोटीन मांसपेशियों की मरम्मत और विकास में सहायक होता है।    - **होल ग्रेन्स**: गेहूं, जई, जौ और ब्राउन राइस जैसे होल ग्रेन्स का सेवन करें। ये ऊर्जा प्रदान करते हैं और पाचन को बेहतर बनाते हैं।    - **दुग्ध उत्पाद**: दूध, दही, पनीर और अन्य दुग्ध उत्पाद कैल्शियम और विटामिन डी के अच्छे स्रोत होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत रखते हैं।    - **अच्छे वसा**: अच्छे वसा जैसे ओमेगा-3 फैटी एसिड वाले खाद्य पदार्थ, जैसे कि मछ...

आधार कार्ड की पूरी जानकारी यहां से लीजिए

 आधार से संबंधित कुछ मुख्य जानकारी आधारबद्ध जन्म पंजीकरण (ALBR- Aadhaar Linked Birth Registration) भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार की सहायता से चलाया जा रहा है आधारबद्ध जन्म पंजीकरण (ALBR- Aadhaar Linked Birth Registration) आधारबद्ध जन्म पंजीकरण के अंतर्गत जन्म के समय ही सरकारी एवम् निजी अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केन्द्रों पर बच्चों का आधार पंजीकरण किया जाता है. आधारबद्ध जन्म पंजीकरण राज्य में जन्म पंजीकरण में तेजी लाने के लिए शुरू किया गया है, और सेवाओं के समय पर और सुनिश्चित वितरण के लिए बच्चों के डेटाबेस के रूप में कार्य करता है। इसके अलावा, इस पहल से बच्चों को सभी कल्याण और स्वास्थ्य संबंधी लाभों के वितरण की निगरानी करने और बच्चे के जन्म से टीकाकरण से लेकर स्कूल में प्रवेश तक पर नज़र रखने में मदद मिलेगी। जन्म प्रमाण पत्र की सत्यता का पता लगाने के लिए उसपर स्थित QR कोड को स्कैन करे 0-5 आधार नामांकन 5 साल तक के आयु के बच्चे के आधार नामांकन के समय उनका बायोमेट्रिक नहीं लिया जाता है उनका सिर्फ फोटो लिया जाता है। माता या पिता में से किसी एक को अपना बीओमेट्रिक ...

25 लाख़ विद्यार्थियों को सरकार का तोहफ़ा, बढ़ी मिलेगी छात्रवृत्ति

▪️ कक्षा 9 व 10 के छात्रों को रुपए 3,000 के स्थान पर रुपए 3,500 का होगा भुगतान ▪️ सफ़ाई का कार्य करने वाले परिवारों के बच्चों को पहली बार पढ़ाई हेतु मिलेगी आर्थिक सहायता ▪️ सभी आय वर्ग के परिवारों के बच्चों को मिलेगा लाभ ▪️विद्यार्थियों को आवेदन पत्र में अब व्यक्तिगत विवरण नहीं भरना होगा ▪️ आधार के द्वारा विद्यार्थी के नाम, पिता का नाम आदि व्यक्तिगत विवरण स्वतः आवेदन में भरा जाएगा ▪️छात्रवृत्ति का पोर्टल डिज़िलॉकर व एनपीसीआई से जोड़ा गया ▪️अब आवेदन पत्र भरते समय ही छात्रों का आधार सीडेड बैंक खाता संख्या की मिलेगी जानकारी ▪️ सीबीएसई व आईसीएससी बोर्ड का ऑनलाइन मिलान से संदेहास्पद डाटा में कमी ▪️पहली बार अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के छात्र 31 मार्च तक कर सकेंगे आवेदन ▪️बीएससी या बीए पाठ्यक्रमों में छात्रवृत्ति पाने के बाद बी.टेक में छात्रवृत्ति की सुविधा उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के 25 लाख़ छात्र छात्राओं को बड़ी सौगात दी है। इस वर्ष से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों को समाज कल्याण विभाग द्वारा छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति की सुविधा प्...

चंदेल क्षत्रिय जिन्होंने स्थापत्यकला को अद्भुत बनाया

चंदेल राजपूत एक प्रमुख राजपूत कुल है जो भारतीय उपमहाद्वीप में स्थित था। चंदेल राजपूत वंश का इतिहास उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बुंदेलखंड क्षेत्र में स्थानीय राज्यों के रूप में जाना जाता है। चंदेल राजपूत वंश का उल्लेख पहली बार 8वीं सदी ईसा पूर्व में भारतीय इतिहास में हुआ है। चंदेल राजपूतों का मुख्य केंद्र कालिंदी महादेश (वर्तमान मध्य प्रदेश) में स्थित था। चंदेलों का सबसे प्रसिद्ध नामसंदान उनकी सुंदर और भव्य मंदिरों के लिए था, जिनमें से कुछ आज भी मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में मौजूद हैं। चंदेल राजपूतों का सबसे प्रसिद्ध और शक्तिशाली शासक महाराजा यशोवर्मन (950-975 ईसा पूर्व) था, जिन्होंने खजुराहो में अपनी सत्ता स्थापित की थी और शिखरग्राम (वर्तमान खजुराहो) के मंदिरों का निर्माण करवाया था। ये मंदिर विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल हैं और विश्वविख्यात पर्यटन स्थलों में से एक माने जाते हैं। चंदेल राजपूत वंश की अवशेष बुंदेलखंड क्षेत्र में भी पाई जा सकती है, जहां वे बाद में अपनी सत्ता बढ़ाने के लिए मध्य प्रदेश की ओर आगे बढ़े। इसके अलावा, चंदेल राजपूतों ने काशीपुर और जगदलपुर में भी अपनी सत्...

एसबीआई क्रेडिट कार्ड से क्या मिलेगा

एसबीआई क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड दोनों का अपना अलग-अलग लाभ है। निम्नलिखित रूप में इन कार्डों के लाभ के बारे में जानकारी दी गई है: एसबीआई क्रेडिट कार्ड के लाभ: 1. खरीदारी पर छूट और ऑफर्स: क्रेडिट कार्ड कंपनियों द्वारा प्रदान की जाने वाली छूट और ऑफर्स का उपयोग करके आप अलग-अलग खरीदारी पर बचत कर सकते हैं। यह शामिल हो सकता है रिवार्ड प्रोग्राम, कैशबैक, डिस्काउंट, अतिरिक्त बोनस पॉइंट्स आदि। 2. वित्तीय संबंधों की सुविधा: क्रेडिट कार्ड आपको वित्तीय संबंधों की सुविधा प्रदान करता है। आप खरीदारी करने, वित्तीय संकेत संदेश प्राप्त करने, ईमेल स्टेटमेंट प्राप्त करने, बिल भुगतान करने आदि के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं। 3. बढ़ते हुए क्रेडिट स्कोर: सही तरीके से क्रेडिट कार्ड का उपयोग करने से आपका क्रेडिट स्कोर बढ़ सकता है। यदि आप नियमित रूप से क्रेडिट कार्ड की रकम का भुगतान करते हैं।

ये है लखनऊ नगर

लखनऊ  महत्वपूर्ण ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, और प्रशासनिक केंद्र है।  1. ऐतिहासिक महत्व: लखनऊ का ऐतिहासिक महत्व बहुत ऊँचा है। यह शहर नवाबों की राजधानी रहा है और नवाबों का एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और शासनिक केंद्र था। इसके अलावा, लखनऊ गद्दी शाहजहाँबाद नगर संघ का मुख्यालय भी था। 2. वास्तुकला: लखनऊ शहर में नवाबी आवासों की वास्तुकला एक आदर्श है। लखनऊ के इमारतें अपनी अद्वितीय नक्काशी, शानदार भव्यता, और मुग़ल और अवधी संस्कृति के संगम से प्रसिद्ध हैं। चौखण्डी इमारत, बारा इमामबाड़ा, रुमी दरवाज़ा, चोटी बारी, इत्माद-उद-दौला धर्मशाला आदि इमारतें वास्तुकला की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हैं। 3. भोजन संस्कृति: लखनऊ को अपनी दिलचस्प और परंपरा है।

दो हजार के गुलाबी नोट को लेकर खलबली

 दो हजार के गुलाबी नोट के सामने आया संकट 2000 रुपये का नोट हैं तो तुरंत बैंक में जमा कराएं, आरबीआई ने इस नोट को लेकर हलचल मचाने वाली बात कही अगर आपके पास दो हजार रुपये का गुलाबी नोट है तो यह खबर आपके लिए हैं। नोटबंदी के बाद से सबसे बड़ा नाेट दो हजार का प्रचलन में आया था। नोटबंदी से पहले एक हजार रुपये का नोट चलन में था। सरकार ने एक हजार के नोट को खत्म कर दो हजार का नोट चलाया था। कुछ समय से माना जा रहा था कि यह दो हजार रुपये का गुलाबी नोट चलन से बाहर हो सकता है। कुछ बैंकों ने अपने एटीएम में दो हजार रुपये के नोट भी डालना कम कर दिया था, तो कुछ बैंकों ने दो हजार रुपये के नोट को डालना पूरी तरह से बंद कर दिया था। अब 19 मई 2023 को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने अपने फैसले में दो हजार रुपये के इस गुलाबी नोट को पूरी तरह से चलन से वापस लेने का फैसला किया है, हालांकि दो हजार रुपये का यह नोट अभी वैध मुद्रा माना जाएगा। यानी आम चलन में यह नोट रहेगा। आरबीआई ने यहां यह भी कहा है कि जनता अपने बैंक खाते में दो हजार रुपये के नोट जमा कर सकते हैं। या किसी भी बैंक से दो हजार रुपये के नोट को ब...