आधार से संबंधित कुछ मुख्य जानकारी
आधारबद्ध जन्म पंजीकरण (ALBR- Aadhaar Linked Birth Registration)
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार की सहायता से चलाया जा रहा है आधारबद्ध जन्म पंजीकरण (ALBR- Aadhaar Linked Birth Registration) आधारबद्ध जन्म पंजीकरण के अंतर्गत जन्म के समय ही सरकारी एवम् निजी अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केन्द्रों पर बच्चों का आधार पंजीकरण किया जाता है. आधारबद्ध जन्म पंजीकरण राज्य में जन्म पंजीकरण में तेजी लाने के लिए शुरू किया गया है, और सेवाओं के समय पर और सुनिश्चित वितरण के लिए बच्चों के डेटाबेस के रूप में कार्य करता है। इसके अलावा, इस पहल से बच्चों को सभी कल्याण और स्वास्थ्य संबंधी लाभों के वितरण की निगरानी करने और बच्चे के जन्म से टीकाकरण से लेकर स्कूल में प्रवेश तक पर नज़र रखने में मदद मिलेगी। जन्म प्रमाण पत्र की सत्यता का पता लगाने के लिए उसपर स्थित QR कोड को स्कैन करे
0-5 आधार नामांकन
5 साल तक के आयु के बच्चे के आधार नामांकन के समय उनका बायोमेट्रिक नहीं लिया जाता है उनका सिर्फ फोटो लिया जाता है। माता या पिता में से किसी एक को अपना बीओमेट्रिक देना होता है। जिन बच्चों के माता पिता नहीं है उनके आधार बनाते समय उनके अभिभावक का और अगर बच्चा किसी बाल गृह में है तो वहाँ के वार्डेन का बीओमेट्रिक लिया जाता है।
अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट
5 साल और 15 साल की आयु होने पर बच्चों का अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट मुफ्त है। यह अनिवार्य रूप के करना चाहिए अन्यथा आधार inactive कर दिया जाएगा। पहला अनिवार्य बीओमेट्रिक अपडेट अगर 7 साल के बाद और दूसरा अगर 17 साल के बाद कराया जाएगा तो इसके लिए शुल्क लिया जाएगा।
आधार में मोबाईल नंबर और ई मेल आईडी अपडेट रखे
आधार में मोबाईल नंबर और ई मेल आईडी अपडेट रखे इससे सरकारी योजनाओ का लाभ लेने में आसानी होती है।
परिवार के मुखिया (एचओएफ) की सहमति से आधार में पता अपडेट
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने परिवार के मुखिया (एचओएफ) की सहमति से आधार में ऑनलाइन पता अपडेट करने में उनकी मदद करने के लिए निवासी अनुकूल सुविधा शुरू की है। आधार में परिवार के मुखिया (एचओएफ) आधारित ऑनलाइन पता अपडेट निवासी के रिश्तेदार (जैसे बच्चे, पति, पत्नी, माता-पिता आदि) के लिए बहुत मददगार होगा जिनके पास अपने आधार में पता अपडेट करने के लिए स्वयं के नाम पर सहायक दस्तावेज नहीं हैं। यह अपडेट राशन कार्ड, मार्कशीट, विवाह प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आदि जैसे संबंध दस्तावेज का प्रमाण प्रस्तुत करके किया जा सकता है, जिसमें आवेदक और परिवार के मुखिया दोनों के नाम और उनके बीच संबंध और परिवार के मुखिया द्वारा ओटीपी आधारित प्रमाणीकरण का उल्लेख हो। यदि रिश्ते का प्रमाण दस्तावेज भी उपलब्ध नहीं है तो यूआईडीएआ निवासी को यूआईडीएआई द्वारा निर्धारित प्रारूप में परिवार के मुखिया द्वारा स्व घोषणा प्रस्तुत करने की सुविधा प्रदान करता है।
यह सुविधा ऐसे लाखों लोगों के लिए फायदेमंद साबित होगा जो देश के अन्द विभिन्न कारणों से एक शहर से दूसरे शहर आते जाते रहते है।
यह विकल्प यूआईडीएआई द्वारा निर्धारित किसी भी वैध पते के प्रमाण का उपयोग करते हुए मौजूदा पता अपडेट करने की सुविधा के अतिरिक्त होगा। 18 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी निवासी इस उद्देश्य के लिए एक परिवार का मुखिया (एचओएफ) हो सकता है और इस प्रक्रिया के माध्यम से अपने परिवार के साथ अपना पता साझा कर सकता है।
माई आधार पोर्टल (https://myaadhaar.uidai.gov.in) में निवासी ऑनलाइन पत्ता अपडेट करने के लिए इस विकल्प को चुन सकता है, जिसके बाद निवासी को परिवार के मुखिया की आधार संख्या दर्ज करने की अनुमति दी जाएगी जिसे प्रमाणित किया जाएगा। परिवार के मुखिया की पर्याप्त गोपनीयता बनाए रखने के लिए परिवार के मुखिया के आधार की कोई अन्य जानकारी स्क्रीन पर प्रदर्शित नहीं की जाएगी। परिवार के मुखिया की आधार संख्या के सफल सत्यापन के बाद निवासी को संबंध दस्तावेज़ का प्रमाण अपलोड करना आवश्यक होगा।
आधार नामांकन और अपडेट हेतु जरुरी दस्तावेजों की जानकारी
आधार नामांकन और अपडेट हेतु जरुरी दस्तावेजों की जानकारी के लिए: https://uidai.gov.in/images/commdoc/26_JAN_2023_Aadhaar_List _of_documents_English.pdf पर लॉग इन करें।
आधार में अपना मोबाइल नंबर हमेशा अपडेट रखे।
आधार से संबंधित सेवाओं का बेहतर लाभ उठाने के लिए अपने आधार में अपना मोबाइल नंबर हमेशा अपडेट रखे।
आधार में कितने बार अपडेट किया जा सकता है
1. नाम- दो बार
2. जन्मतिथि- एक बार
3. जेन्डर- एक बार
4. मोबाईल नंबर- कोई सीमा नहीं (आवश्यकता अनुसार)
5. पता- कोई सीमा नहीं (आवश्यकता अनुसार)
6. बीओमेट्रिक अपडेट- कोई सीमा नहीं (आवश्यकता अनुसार)
7. फोटो: कोई सीमा नहीं (आवश्यकता अनुसार
अपने नजदीकी आधार केंद्र का पता लगाए
अपने नजदीकी आधार केंद्र का पता लगाने के लिए: https://bhuvan- app3.nrsc.gov.in/aadhaar / पर लॉग इन करे।
आधार सेवा हेतु क्या शुल्क है?
आधार नामांकन निःशुल्क है, साथ ही 5 साल और 15 साल की आयु होने पर बच्चों का अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट भी मुफ्त है, वही डेमोग्राफिक अपडेट के लिए 50/- रुपये और बायोमेट्रिक अपडेट के लिए 100/- रुपये (डेमोग्राफिक अपडेट के साथ या उसके बिना) शुल्क है। जिन लोगों का आधार बने हुए 10 साल से अधिक समय हो गया है वो ऑनलाइन दस्तावेज अपडेट 14 मार्च 2024 तक मुफ़्त में कर सकते है वही आधार केंद्र पर इसके लिए शुल्क 50 रुपये है।
आधार से संबंधित किसी भी शिकायत के लिए क्या करे?
यूआईडीएआई सभी निवासियों को भ्रष्टाचार मुक्त सेवाएं प्रदान करने का प्रयास करता है। यदि आपसे कोई अवैध मांग करे तो तुरन्त 1947 (टोल-फ्री) पर पर कॉल कर शिकायत दर्ज करें या help@uidai.gov.in या ddg-rolko@uidai.net.in पर नामांकन केंद्र जिसके सम्बन्ध में शिकायत हो, का नाम और पता एवं नामांकन पर्ची ईमेल करें । आप https://resident.uidai.gov.in/file-complaint के माध्यम से भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
आधार सेव प्रदान करने लिए विशेष शिविर आयोजित करने हेतु; ddg- rolko@uidai.net.in पर ई मेल करें।
गृह नामांकन:
घर पर ही आधार नामांकन की सुविधा प्रदान करने की सेवा की शुरुआत प्राधिकरण द्वारा की गई है। इसके अंतर्गत निवासी को 700 रुपये का शुल्क देना होगा। प्रत्येक अतिरिक्त नामांकन के लिए 350 रुपये का शुल्क देना होगा। निवासी इसके लिए प्राधिकरण की वेबसाईट के मदद से अनुरोध कर सकते है।
अब सत्यापन के बाद ही बनेगा 18 साल से अधिक आयु के निवासियों का आधार
अब सत्यापन के बाद ही बनेगा 18 साल से अधिक आयु के निवासियों का आधार। अब राज्य सरकार की अनुमति के बाद वयस्क लोगों के आधार कार्ड बनाए जा सकेंगे। इसके लिए जिला स्तर पर और सब-डिवीजन स्तर पर नोडल अधिकारियों को नामित किया गया है। जिला स्तर पर अपर जिलाधिकारी को और सब-डिवीजन स्तर पर एसडीएम को नामित किया गया है। इनके द्वारा सत्यापन के बाद ही 18 साल से अधिक आयु के लोगों का आधार कार्ड बन सकेगा। इसके लिये अब सत्यापन की प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। ऐसे लोगों के लिए आधार नामांकन की सुविधा कुछ चुने हुए आधार केंद्रों पर ही उपलब्ध होगी। जिसमें मुख्य रूप से प्रत्येक जिले का मुख्य डाक घर, उप डाक घर और प्राधिकरण द्वारा संचालित आधार सेवा केंद्र शामिल है जिनकी संख्या 1137 है। इन केंद्रों पर आधार नामांकन के उपरांत सूचना प्राधिकरण को भेज दी जाएगी जहां डेटा क्वालिटी जांच के उपरांत इस आवेदन को सर्विस प्लस पोर्टल पर सत्यापन के लिए भेज दिया जाएगा।
सर्विस पोर्टल पर आने वाले आवेदन का सत्यापन एसडीएम अपने स्तर पर करवाएंगे। इसमें लगाए गए सभी दस्तावेजों का भौतिक सत्यापन किया जाएगा। अगर सब सही पाया जाता है तो आधार जारी करने की अनुमति दे देंगे जिसके बाद 180 दिनों के भीतर आधार बन जाएगा। अगर सूचना संदिग्ध होगी तो नोडल अधिकारी इसे रिजेक्ट कर देंगे।
ये दिशानिर्देश 18 साल से अधिक वर्ष के उन निवासियों के लिए है जो पहली बार अपना आधार बनवा रहे है। एक बार आधार बन जाने के बाद वे भी सामान्य प्रक्रिया के अंतर्गत अपना आधार अपडेट करवा सकते है किसी प्रकार के सत्यापन की आवश्यकता नहीं होगी। ऐसे सभी निवासी जिनके आधार पहले से बने है वे अपने आधार में सुधार/अपडेट आसानी से करवा सकते है ऐसे लोगों को इस नई व्यवस्था से नहीं गुजरना पड़ेगा।
10 साल पहले आधार बना है हो अपडेट कराए
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण, क्षेत्रीय कार्यालय, लखनऊ द्वारा राज्य सरकार के सहयोग से उत्तर प्रदेश में आधार अपडेट के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। निवासियों को सलाह दी गई है कि जिनका आधार बने 10 साल से अधिक समय हो गया है वे अपने आधार में पहचान का नवीनतम प्रमाण (पीओआई) और पते का प्रमाण (पीओए) दस्तावेज अपडेट करके अपने आधार को सशक्त करें। यह आधार डेटाबेस में आपकी जानकारी की निरंतर सटीकता सुनिश्चित करने में आपकी सहायता करेगा साथ ही राज्य सरकार और केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में आपकी मदद करेगा।
वरिष्ठ नागरिकों को डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र आधार प्रमाणीकरण के फेस ऑथेंटिकेशन प्रक्रिया द्वारा पेंशन प्राप्त कर रहे वरिष्ठ नागरिकों को डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र आधार प्रमाणीकरण के फेस ऑथेंटिकेशन प्रक्रिया का प्रयोग कर प्रदान किया जा रहा है। इस प्रक्रिया से उन सभी वरिष्ठ नागरिकों को आसानी होगी जिनके अंगुलियों के निशान को कैप्चर करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था या जो किसी कारण से बैंक, डाक घर या संबंधित कार्यालय नहीं जा सकते है। ऐसे सभी लोग अब आसानी से चेहरा प्रमाणीकरण प्रक्रिया से अपना डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र अपने घर पर ही अपने एंड्रॉयड मोबाईल की मदद से प्राप्त कर सकते है। इसके लिए अपने एंड्रॉयड फोन में प्ले स्टोर से जीवन प्रमाण फेस ऐप और आधार फेस आरडी ऐप इंस्टॉल करना पड़ता है और चेहरा प्रमाणीकरण प्रक्रिया के माध्यम से स्वयं को प्रमाणित करना पड़ता है। विदित है की प्रत्येक वर्ष पेन्शनधारी को नवंबर महीने में अपने जीवन प्रमाण पत्र का नवीनीकरण जरूरी होता है ताकि पेंशन जारी रहे।
इस प्रक्रिया के अंतर्गत पेन्शनधारी को स्वयं को या किसी अन्य व्यक्ति को जीवन प्रमाण फेस ऐप के माध्यम से ऑपरेटर के रूप में रजिस्टर करना होता है । रेजिस्ट्रेशन के दौरान संबंधित व्यक्ति को अपना आधार नंबर, मोबाईल नंबर और अपना मेल आईडी दर्ज करना होगा। सफलतापूर्वक ऑपरेटर का रेजिस्ट्रेशन पूरा करने के बाद पेन्शनधारी के प्रमाणीकरण की प्रक्रिया शुरू होगी। मोबाईल के स्क्रीन पर एक फॉर्म दिखेगा जिसमे पेन्शनधारी से संबंधित मांगी गई सभी जानकारी को दर्ज करना होगा। इसके बाद मोबाईल के कैमरा के माध्यम से अपने चेहरे को प्रमाणित करना होगा। मोबाईल के स्क्रीन पर जो दिशानिर्देश आएगा उसका पालन करना होगा। चेहरा प्रमाणीकरण के दौरान पेन्शनधारी को अपने आँख को उस समय झपकाना होगा जब प्रकाश सही मात्रा में हो और मोबाईल का कैमरा स्थिर हो।
आधार सत्यापन (क्यूआर कोड और वेबसाईट की मदद से) किसी व्यक्ति की पहचान स्थापित करने के लिए प्रस्तुत किए गए आधार को भौतिक या इलेक्ट्रॉनिक रूप में स्वीकार करने से पहले सत्यापित करना चाहिए।
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण का मानना है कि आधार धारक की सहमति के बाद आधार संख्या का सत्यापन आधार के किसी भी रूप (आधार पत्र, ई-आधार, आधार पीवीसी कार्ड और एम-आधार) की वास्तविकता स्थापित करने के लिए सही कदम है क्योंकि यह आपको किसी भी संभावित धोखाधड़ी से बचाता है। यह खासकर उन लोगों/संस्थाओ के लिए मददगार साबित हो सकता है जो लोग कामवाली/नौकरानी/गार्ड या अन्य किसी व्यक्ति की सेवा लेते है। ऐसे लोग या संस्था इस सेवा का उपयोग करके किसी भी व्यक्ति के आधार की वैधता को सत्यापित करके उसका सही पता लगा सकते है।
यह प्रक्रिया असामाजिक तत्वों को आधार के किसी भी संभावित दुरुपयोग में शामिल होने से रोकता है। आधार दस्तावेजों से छेड़छाड़ का पता ऑफ़लाइन सत्यापन द्वारा लगाया जा सकता है। आधार के साथ किसी भी प्रकार का छेड़छाड़ एक दंडनीय अपराध है और आधार अधिनियम की धारा 35 के तहत इसमें दंड का प्रावधान है।
प्रस्तुत किए गए किसी भी आधार की वैधता को दो प्रकार से सत्यापित किया जा सकता है। पहला, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण की वेबसाइट https://myaadhaar.uidai.gov.in/check-aadhaar-validity पर जाए और प्रस्तुत किए गए आधार की संख्या को दर्ज करें। आधार संख्या दर्ज करने के बाद यह पता चलता है की आधार संख्या वैध है या नहीं साथ ही आधार धारक की आयु वर्ग क्या है उसका जेन्डर क्या है और उसका आधार किस राज्य के पते पर बना है, एवम मोबाइल के अंत के कुछ अंक भी।
दूसरे तरीके के अंतर्गत प्राधिकरण निवासियों/संस्थाओ को आधार पर उपलब्ध क्यूआर कोड को स्कैन करने की सलाह देता है। इसके अंतर्गत प्रस्तुत किए गए आधार को एम-आधार ऐप या आधार क्यू आर कोड स्कैनर का उपयोग करके आधार के सभी रूपों (आधार पत्र, ई-आधार, आधार पीवीसी कार्ड और एम- आधार) पर उपलब्ध क्यू आर कोड को स्कैन करके सत्यापित किया जा सकता है। क्यूआर कोड स्कैनर एंड्रॉइड और आईओएस आधारित मोबाइल फोन के साथ-साथ विंडो-आधारित एप्लिकेशन दोनों के लिए निःशुल्क उपलब्ध है
माई आधार पोर्टल;
इस पोर्टल के माध्यम से निवासी की सेवाओ का लाभ ले सकते है जैसे की, आधार पी वी सी कार्ड का ऑर्डर, आधार में पते को अपडेट करना, बीओमेट्रिक लॉक/अन्लाक, ई- आधार डाउनलोड करना इत्यादि।
आधार बायोमेट्रिक्स को कैसे लॉक करे
आप अपने आधार के किसी भी संभावित दुरुपयोग को रोकने के लिए अपने आधार बायोमेट्रिक्स को लॉक कर सकते है। अपने आधार को लॉक/अनलॉक करने के लिए mAadhaar ऐप का उपयोग करें या https://resident.uidai.gov.in/aadhaar-lockunlock लिंक पर लॉग इन करें। आप एस एम एस की मदद से भी अपना बायोमेट्रिक लॉक कर सकते है, इसके लिए आपको GETOTP <SPACE> अपने आधार संख्या की अंतिम 4 संख्या को 1947 पर एस एम एस करना होगा। इसके बाद एक ओटीपी प्राप्त होगा जिसे एस एम एस द्वारा ENABLEBIOLOCK<SPACE> आधार की अंतिम 04 संख्या <SPACE> 06 अंकों का प्राप्त ओटीपी को 1947 पर भेज दे। अब आपका बायोमेट्रिक लॉक हो जाएगा।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें