टाइम ट्रैवल: समय की सीमाओं को पार करने की कल्पना जब हम टाइम ट्रैवल (समय यात्रा) की बात करते हैं, तो यह विचार हमें एक जादुई दुनिया में ले जाता है जहाँ हम अतीत में वापस जा सकते हैं या भविष्य में झांक सकते हैं। क्या होगा अगर हम समय की सीमा को पार कर पाते? क्या हम इतिहास में घटी घटनाओं को बदल सकते हैं, या क्या हम भविष्य में हो रही घटनाओं को देख सकते हैं? यह सवाल न केवल वैज्ञानिकों के लिए, बल्कि फिल्म निर्माताओं और साहित्यकारों के लिए भी सदियों से एक रोमांचक विषय रहा है। आइए जानते हैं, समय यात्रा के विषय पर रोचक दृष्टिकोण और सिद्धांत। समय यात्रा का सिद्धांत समय यात्रा का विचार पहली बार 19वीं शताबदी में वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सामने आया था, खासकर अल्बर्ट आइंस्टीन के सापेक्षता सिद्धांत (Theory of Relativity) के बाद। आइंस्टीन ने बताया कि समय और स्थान आपस में जुड़े हुए हैं और इन दोनों का माप किसी की गति पर निर्भर करता है। उनकी थ्योरी के अनुसार, यदि कोई वस्तु प्रकाश की गति के करीब गति करती है, तो वह समय को धीमा कर सकती है। इसका मतलब यह है कि कोई व्यक्ति प्रकाश की गति के पास यात्रा करक...
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