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जब प्यार बना साजिश, और रिश्ते बने कत्ल की वजह

मेरठ की दो दिल दहला देने वाली हत्याएं: उत्तर प्रदेश का मेरठ शहर इन दिनों केवल शिक्षा या खेल के लिए नहीं, बल्कि दो खौफनाक हत्याओं के कारण चर्चा में है। दोनों मामलों में समानता है – प्रेम, साजिश और पति की हत्या। फर्क बस इतना है कि एक केस में लाश नीले ड्रम में सीमेंट के साथ बंद की गई , और दूसरे केस में ज़हरीले सांप को हत्या का हथियार बनाया गया। ये घटनाएं न सिर्फ दिल को झकझोरने वाली हैं, बल्कि इस ओर भी इशारा करती हैं कि समाज में रिश्तों की बुनियाद कितनी कमजोर होती जा रही है। आइए दोनों मामलों को विस्तार से समझते हैं। मामला 1: नीले ड्रम में पति की लाश – 'लव अफेयर' का खौफनाक अंजाम यह मामला कुछ ही दिन पहले मेरठ के टीपीनगर इलाके से सामने आया। पुलिस को एक बंद कमरे से नीला प्लास्टिक का ड्रम मिला। जब उसे खोला गया, तो उसके अंदर सीमेंट में पुती हुई लाश निकली। जांच में पता चला कि ये लाश अनिल नाम के युवक की थी, जिसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट कुछ दिन पहले ही दर्ज कराई गई थी। जैसे-जैसे पुलिस ने जांच आगे बढ़ाई, पत्नी का प्रेम-प्रसंग सामने आया। पत्नी का अपने पुराने प्रेमी ...

शिक्षा वह शस्त्र है जिससे आप दुनिया को जीत सकते हैं।

एक नाम, एक आंदोलन भारत के इतिहास में कुछ नाम ऐसे हैं जो सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक विचार बन जाते हैं। डॉ. भीमराव आंबेडकर ऐसा ही एक नाम हैं। वे न केवल भारत के संविधान निर्माता थे, बल्कि करोड़ों दलितों, वंचितों और शोषितों की आवाज भी थे। उनके विचार, संघर्ष और दृष्टिकोण ने भारत के सामाजिक ढांचे को हिलाकर रख दिया। आंबेडकर को जानना, भारत के उस पक्ष को जानना है जिसे लंबे समय तक नजरअंदाज किया गया। "Waiting for a Visa" : एक आत्मकथा, एक दस्तावेज़ डॉ. आंबेडकर की आत्मकथा "Waiting for a Visa" कोई साधारण आत्मकथा नहीं है। यह उनके जीवन के अनुभवों का संकलन है, जो भारतीय समाज में जातिवाद के विष को बेनकाब करता है। बचपन की घटनाएं, छात्र जीवन की कठिनाइयाँ, सामाजिक अपमान और अधिकारों की तलाश—हर पंक्ति उनके दर्द, संघर्ष और संकल्प की गवाही देती है। बैलगाड़ी की घटना: एक बच्चा, एक घाव जब वे अपने भाई-बहनों के साथ सतारा से कोरेगांव जा रहे थे, तब एक गाड़ीवान ने "अछूत" जानकर उन्हें बैलगाड़ी से उतार दिया। एक मासूम बच्चे के लिए यह पहला सामाजिक झटका था। यह अनुभव न केवल अपमानजनक...

इतिहास को राजनीति से नहीं, तथ्यों से समझें।

राणा सांगा: मेवाड़ का अमर नायक और क्षत्रिय शौर्य का प्रतीक जिस शरीर पर 80 घाव हों, एक हाथ, एक पैर और एक आंख न हो फिर भी जो युद्धभूमि में डटा रहे, वह कोई साधारण योद्धा नहीं, राणा सांगा था।  इतिहास के गौरवशाली पन्नों से भारतीय इतिहास में वीरता और आत्मबलिदान की जब भी बात होती है, महाराणा संग्राम सिंह  यानी राणा सांगा   का नाम सम्मान से लिया जाता है। 16वीं शताब्दी में मेवाड़ के सिसोदिया वंश के इस महान राजा ने न सिर्फ एक विशाल हिंदू साम्राज्य की स्थापना की, बल्कि राजपूत एकता और राष्ट्रीय स्वाभिमान की ऐसी मिसाल कायम की, जो आज भी प्रेरणा देती है। प्रारंभिक जीवन और सत्ता संघर्ष राणा सांगा का जन्म 12 अप्रैल 1482 को हुआ। वे राणा रायमल के सबसे छोटे पुत्र थे। उनके बड़े भाइयों पृथ्वीराज और जयमल के बीच सत्ता संघर्ष के बीच सांगा ने विवेक और पराक्रम से अपना स्थान बनाया। भविष्यवाणी थी कि यही बालक मेवाड़ को नया गौरव देगा  और हुआ भी यही। शासनकाल: मेवाड़ का स्वर्ण युग राणा सांगा ने 1508 से 1528 तक मेवाड़ पर शासन किया। उनका साम्राज्य उत्तर में सतलज से लेकर दक्षिण म...

अगर 100 साल तक जीना है तो आज से ये 7 काम शुरू कर दीजिए

100 साल तक जीना है? तो अपनाइए ये निरोगी दिनचर्या! कभी सोचा है, 100 साल की उम्र तक जीना कैसा होगा? न सिर्फ लंबी उम्र, बल्कि ऐसी सेहत के साथ कि 90 की उम्र में भी बिना चश्मे अख़बार पढ़ सकें और बिना लाठी पार्क की सैर कर सकें! अगर ऐसा सपना है, तो इसे पूरा करने का रास्ता आपकी हर रोज़ की दिनचर्या और आहार में छुपा है। चलिए जानते हैं कि वो कौन-सी आदतें हैं जो आपको स्वस्थ, सक्रिय और दीर्घायु बना सकती हैं। 1. सुबह कैसी हो – नींद से लेकर नींबू तक! जल्दी उठिए – ब्रह्ममुहूर्त (सुबह 4 से 6 के बीच) में उठना शरीर के लिए अमृत समान है। गुनगुना पानी + नींबू – एक ग्लास गुनगुना पानी और एक चुटकी हल्दी या नींबू का रस आपके शरीर की सफाई कर देता है। 5 मिनट सूर्य को देखना – सूरज की पहली किरणें आपके शरीर में विटामिन D के साथ-साथ ऊर्जा का संचार करती हैं। 2. योग और प्राणायाम – शरीर का असली इंजन स्टार्ट करें योगासन: हर दिन 20-30 मिनट ताड़ासन, भुजंगासन, वज्रासन जैसे आसान करें। प्राणायाम: अनुलोम-विलोम, कपालभाति और भ्रामरी जैसे श्वास अभ्यास से फेफड़े मजबूत होते हैं और मानसिक शांति मिलत...

गौतम बुद्ध की अंतिम भूमि कुशीनगर में घूमने लायक 8 शानदार स्थल..आइए चलते हैं...

कुशीनगर में घूमने की योजना बना रहे हैं? जानिए यहां की 8 सबसे प्रसिद्ध और दर्शनीय जगहें, कैसे जाएं, क्या देखें, और उनकी खासियत क्या है?  कुशीनगर क्यों है खास? कुशीनगर, उत्तर प्रदेश के पूर्वी छोर पर स्थित एक ऐतिहासिक और धार्मिक नगर है। यह भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली के रूप में पूरी दुनिया में विख्यात है। बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए यह स्थान वैसा ही है जैसे हिंदुओं के लिए काशी। 1. महापरिनिर्वाण मंदिर क्या खास है: यहां भगवान बुद्ध की 6 मीटर लंबी लेटी हुई प्रतिमा है जो उनके अंतिम क्षणों को दर्शाती है। तीर्थयात्रियों के लिए यह सबसे पवित्र स्थान है। कैसे जाएं: कुशीनगर बस स्टैंड से लगभग 1 किमी दूरी पर स्थित है। पैदल, ऑटो या रिक्शा से पहुँचा जा सकता है। 2. रामभर स्तूप (महापरिनिर्वाण स्तूप) क्या देखें: यही वह स्थान है जहां भगवान बुद्ध का अंतिम संस्कार हुआ था। स्तूप के चारों ओर हरियाली और ध्यान के लिए शांति का वातावरण है। खासियत: यह ऐतिहासिक स्थल बुद्ध के जीवन की अंतिम यात्रा को दर्शाता है। 3. वट...

लखनऊ की गर्मियों में घूमने लायक 10 बेहतरीन जगहें ठंडी हवाओं और इतिहास का संगम

गर्मियों में जब लखनऊ की दोपहर तपती है, तब दिल चाहता है कुछ ऐसी जगहों की तलाश की जाए जहां ठंडक भी हो, सुकून भी और शहर की रौनक भी। नवाबी तहज़ीब के इस शहर में ऐसी कई जगहें हैं, जहां आप गर्मियों में भी आराम से समय बिता सकते हैं। इस ब्लॉग में हम आपको लखनऊ की 10 ऐसी खास जगहों की जानकारी देंगे, जहां आप न सिर्फ घूम सकते हैं बल्कि इतिहास, संस्कृति और मनोरंजन का भी मजा ले सकते हैं। 1. अम्बेडकर पार्क, गोमती नगर क्या खास है: गुलाबी पत्थरों से बना यह विशाल स्मारक गर्मियों की शाम को घूमने के लिए परफेक्ट है। पानी की फव्वारों की ठंडी फुहारें और शांत माहौल हर किसी को सुकून देते हैं। कैसे जाएं: गोमती नगर में स्थित यह पार्क चारबाग रेलवे स्टेशन से लगभग 10 किमी दूर है। ऑटो, कैब या बस से आसानी से पहुंच सकते हैं। 2. लखनऊ जू (नवाब वाजिद अली शाह चिड़ियाघर) क्या खास है: बच्चों और परिवार के लिए बेहतरीन जगह। गर्मियों की सुबह में यहां प्राकृतिक छांव, हरियाली और जानवरों की दुनिया देखने का अलग ही आनंद है। कैसे जाएं: चारबाग स्टेशन से करीब 3 किमी दूर है। सिटी बस या ऑटो से आसानी से पहुंचा जा सकता है। ...

नेपाल में हिंदू राष्ट्र की हुंकार, क्या लौटेगा राजशाही का सुनहरा दौर?

नेपाल में हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग़  नेपाल में  हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग एक बार फिर जोर पकड़ रही है। यह मांग न केवल धार्मिक पहचान से जुड़ी है, बल्कि देश के ऐतिहासिक राजशाही तंत्र की वापसी की चाहत को भी दर्शाती है। नेपाल, जो कभी दुनिया का एकमात्र आधिकारिक हिंदू राष्ट्र था, 2008 में राजशाही के अंत के बाद धर्मनिरपेक्ष देश बन गया। लेकिन अब जनता का एक बड़ा वर्ग और कुछ राजनीतिक दल इसे फिर से हिंदू राष्ट्र घोषित करने की वकालत कर रहे हैं। आइए, इस मांग के पीछे के कारणों, इतिहास और वर्तमान स्थिति को विस्तार से समझते हैं। नेपाल का ऐतिहासिक परिदृश्य:  राजशाही और हिंदू राष्ट्र नेपाल का इतिहास लंबे समय तक राजशाही से जुड़ा रहा है। 18वीं शताब्दी में पृथ्वी नारायण शाह ने गोरखा साम्राज्य की स्थापना की और विभिन्न छोटे-छोटे रियासतों को एकजुट कर आधुनिक नेपाल का निर्माण किया। इस दौरान नेपाल की पहचान एक हिंदू राष्ट्र के रूप में मजबूत हुई, क्योंकि शाह वंश ने हिंदू धर्म को राजकीय संरक्षण दिया। 19वीं और 20वीं शताब्दी में राणा शासकों ने सत्ता पर कब्जा किया, लेकिन राजा की प्रतीकात्म...