मोहन भागवत का "तीन बच्चे" बयान: विज्ञान, राजनीति और इतिहास से जुड़ी गहराई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं। हाल ही में उन्होंने एक ऐसा बयान दिया जिसने जनसंख्या नीति पर नई बहस छेड़ दी। उनका कहना था कि हर भारतीय परिवार को कम से कम तीन बच्चे पैदा करने चाहिए। उन्होंने यह राय केवल भावनात्मक आधार पर नहीं रखी, बल्कि इसके पीछे उन्होंने वैज्ञानिक तर्क और सामाजिक चिंताओं का हवाला दिया। यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत में कई राज्य "हम दो, हमारे दो" जैसी नीतियों पर विचार कर रहे हैं। स्वाभाविक है कि भागवत का तीन बच्चों वाला सुझाव जनसंख्या नीति और देश की सामाजिक संरचना को लेकर नए सवाल खड़ा करता है। इस लेख में हम इस बयान के वैज्ञानिक और राजनीतिक आधारों को समझेंगे और उन महापुरुषों का जिक्र करेंगे जो अपने परिवार की तीसरी, चौथी या पांचवीं संतान होकर भी इतिहास बदल गए। वैज्ञानिक दृष्टिकोण जनसंख्या विज्ञान में एक महत्वपूर्ण अवधारणा है Replacement Level Fertility (RLF) । इसका मतलब है कि किसी समाज को स्थिर बनाए र...
भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौता: एक नया आर्थिक युग भारत और यूनाइटेड किंगडम (यूके) के बीच हाल ही में हस्ताक्षरित मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) दोनों देशों के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूके के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की उपस्थिति में इस समझौते पर सहमति बनी, और 24 जुलाई 2025 को इसे औपचारिक रूप से हस्ताक्षरित किया गया। यह समझौता न केवल दोनों देशों के बीच व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य रखता है, बल्कि यह वैश्विक व्यापार में अनिश्चितताओं के दौर में एक रणनीतिक साझेदारी को भी मजबूत करता है। इस संपादकीय में हम इस समझौते से भारत को होने वाले लाभ, दोनों देशों के बीच आयात-निर्यात होने वाले सामानों, और इसके दीर्घकालिक प्रभावों का विश्लेषण करेंगे।भारत को होने वाले लाभभारत-यूके एफटीए भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है। यह समझौता भारत को लाभ प्रदान करता है: निर्यात में वृद्धि: समझौते के तहत, भारत के 99% निर्यात उत्पादों को यूके में शुल्क-मुक्त प्रवेश मिलेगा, जो भारत के लगभग सभी व्यापार मूल्य को कवर करता है। इससे भारत के श...