एम्बर क्या है?
भारत में एम्बर की कहानी
भारत के एम्बर खजाने
भारत में दो प्रमुख जगहों पर एम्बर के विशाल भंडार मिले हैं:
- गुजरात – खंभात (Cambay): सबसे पुराना और जीवों से भरपूर एम्बर यहीं मिला।
- कच्छ (Kutch): थोड़ा नया, लेकिन इसमें जैव विविधता ज़्यादा है।
एम्बर में छुपी अनमोल दुनिया
एम्बर में अब तक क्या-क्या मिला है?
- सूक्ष्म जीव जैसे मिट्टियां, कवक (fungus), परागकण, बीज, फूल, पत्तियां।
- कीड़े जैसे माइट्स, मधुमक्खियाँ, मक्खियाँ, और एक बेहद छोटा “प्सूडोस्कॉर्पियन” (छोटा बिच्छू)।
- एक फूल जिसकी पहचान ‘रौवोल्फियोइड’ प्रजाति के रूप में हुई, जिससे यह भी पता चला कि उस समय कौन-कौन से कीड़े उसे परागित करते थे।
क्या भारत कभी था ट्रॉपिकल जंगलों की धरती?
वैज्ञानिकों के लिए क्यों है एम्बर बेशकीमती?
- जलवायु परिवर्तन को समझने के लिए
- विलुप्त प्रजातियों की पहचान के लिए
- पृथ्वी के इतिहास की परतों को खोलने के लिए
- इवोल्यूशन (evolution) की कड़ी जोड़ने के लिए
दुनिया में एम्बर पर हो रहा है कितना काम?
- बाल्टिक एम्बर (Eocene) – यूरोप में पाया जाता है, सबसे अधिक अध्ययन हुआ है।
- म्यांमार का कचिन एम्बर (Cretaceous) – सबसे पुराना और जटिल जैविक जीवन यहां मिला।
- डोमिनिकन एम्बर (Miocene) – अमेरिका में पाया गया, बेहद साफ और जीवों से भरपूर।
- अंटार्कटिका – हां, वहां भी एम्बर मिला है, जो बताता है कि वह इलाका भी कभी हरा-भरा था!
भारत की खासियत क्या है?
- भारत का एम्बर आभूषण नहीं, वैज्ञानिक खजाना है।
- इसमें मौजूद जीव कई बार कहीं और नहीं पाए गए, यानी नई प्रजातियों की खोज।
- एम्बर बनने का समय वही है जब भारतीय टेक्टोनिक प्लेट एशिया से टकरा रही थी, यानी ये भूवैज्ञानिक दृष्टि से भी ऐतिहासिक है।
भविष्य की संभावनाएं
अंत में एक कल्पना कीजिए...
क्या पता, उस मच्छर की बदौलत हमें अपने अस्तित्व की एक नई परत का सुराग मिल जाए।
एम्बर है जादू... विज्ञान और प्रकृति का मिलन।
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