भाषण की कैसे करें रिपोर्टिंग
लेसन 3
नेता, अभिनेता, या किसी महत्वपूर्ण व्यक्ति का भाषण का कवरेज करना भी एक कला है पत्रकारिता में। जहां सतर्क रहने की जरूरत होती है। क्योंकि वक्ता पर रिपोर्टर का कोई नियंत्रण नहीं होता है, और नहीं वक्ता जो भाषण देते हैं वह समाचार लेखन की शैली में होते हैं। यहां रिपोर्टर को भाषण में नया, महत्वपूर्ण और असाधारण बिंदुओं का ध्यान रखना चाहिए।
भाषण से पहले तैयारी
वक्ता का परिचय पृष्ठभूमि, विशेषज्ञता, कृतित्व को अच्छे से जान लें। भाषण के विषय की जानकारी रखें। अवसर क्या है आयोजन और उससे अपेक्षाएं, स्थानीय महत्व के एंगल को पहले ही कर लेना चाहिए।
भाषण के दौरान
नोट्स जरूर लीजिए, माहौल पर निगाह रखिए, इसमें भीड़ के उत्साह को भी नजर रखना चाहिए। अगर संभव हो तो वक्ता से अलग से बात भी कीजिए।
भाषण के बाद
पहले विचार कीजिए। भाषण के महत्वपूर्ण बिंदु को इंट्रो में आना चाहिए। अन्य महत्वपूर्ण बात समाचार के बाडी में आना चाहिए। महत्वपूर्ण उददहरण, कोई खास प्रसंग, घटना अगर भाषण के दौरान हुई है तो उसे भी सोचिए।
भाषण पर खबर लिखना
इंट्रो में भाषण का सबसे महत्वपूर्ण बात हो, वक्ता के नाम के साथ। दूसरे पैराग्राफ में कहां, कब, क्यों का वर्णन आना चाहिए। तीसरे पैराग्राफ में नए बिंदु, संदर्भ, माहौल, उद्दरण देना चाहिए। चौथा पैराग्राफ नया बिंदु, माहौल, पांचवें में व्याख्या, टिप्पणी हो। अंतिम पैराग्राफ पाठकों को संबोधित वक्तव्य हो। कापी को लिखने के बाद एक बार पढ़ना चाहिए। वक्ता के मुख में अपनी बात मत डालिए। तकनीकी या जार्गन्स शब्दों को ज्यों का त्यों मत लिखिए, उसका अर्थ भी बताइए।
गा.. गे.. गी है तो खबर नहीं
राजनीतिज्ञ एक ही बात को बार- बार रिपीट करते हैं, एक रिपोर्टर को इस पर अपने कान खोले रखना चाहिए। जिस भाषण के अंत में गा, गे, गी आता है तो वह खबर नहीं प्रचार है। उनके वक्तव्य में सबसे बड़ी बात क्या है उसे खोजना चाहिए। हेडलाइन और इंट्रो में फ़्लो होना चाहिए। जो आकर्षण लगे।
क्रमश:
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