सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

सितंबर, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

News from the speech of netaji : गा.. गे.. गी है तो खबर नहीं

  भाषण की कैसे करें रिपोर्टिंग    लेसन 3  नेता, अभिनेता, या किसी महत्‍वपूर्ण व्‍यक्‍ति का भाषण का कवरेज करना भी एक कला है पत्रकारिता में। जहां सतर्क रहने की जरूरत होती है। क्‍योंकि वक्‍ता पर रिपोर्टर का कोई नियंत्रण नहीं होता है, और नहीं वक्‍ता जो भाषण देते हैं वह समाचार लेखन की शैली में होते हैं। यहां रिपोर्टर को भाषण में नया, महत्‍वपूर्ण और असाधारण बिंदुओं का ध्‍यान रखना चाहिए।  भाषण से पहले तैयारी   वक्‍ता का परिचय पृष्ठभूमि, विशेषज्ञता,   कृतित्व    को अच्‍छे से जान लें। भाषण के विषय की जानकारी रखें। अवसर क्‍या है आयोजन और उससे अपेक्षाएं, स्‍थानीय महत्‍व के एंगल को पहले ही कर लेना चाहिए।  भाषण के दौरान  नोट्स जरूर लीजिए,  माहौल पर निगाह रखिए, इसमें भीड़ के उत्‍साह को भी नजर रखना चाहिए। अगर संभव हो तो वक्‍ता से अलग से बात भी कीजिए।  भाषण के बाद   पहले विचार कीजिए। भाषण के महत्‍वपूर्ण बिंदु को इंट्रो में आना चाहिए। अन्‍य महत्‍वपूर्ण बात समाचार के बाडी में आना चाहिए। महत्‍वपूर्ण उददहरण, कोई खास प्रसंग, घटना...

what is news: खबर क्‍या है

लेसन -1  खबर क्‍या है   खबर रोचक हो, जरूरी नहीं है कि वह महत्‍वपूर्ण भी हो। एक अखबार हर दिन करीब  साढ़े चार लाख शब्‍दों की खबरें प्राप्‍त करता है। जो रिपोर्टर लिखकर देते हैं। अगले दिन जब अखबार छपकर आता है तो करीब दो लाख शब्‍दों की खबर को ही वह पाठकों के पास पेश कर पाता है। इसमें पत्रकार का केवल दो काम होता है। पहला किसी घटना की रिपोर्ट करना है।  दूसरा व्‍याख्‍या पेश करना और खबर पर आधारित राय बनाना।  खबर दो तरह से  खबर दो तरह से लिखते हैं।  सीधी खबर या फिर विश्‍लेषित और  खोजी खबर।  सीधी खबर में जो कुछ घटा है, उसे पेश कर देते हैं। यह तथ्‍यपूर्ण और स्‍पष्‍ट होती है। इस तरह की खबर लिखते समय खबर में कोई सुझाव नहीं होता है। खबर गहराई में नहीं ले जाती है। इसमें केवल सतह पर घटित घटना की रिपोर्ट होती है। जबकि खोजी या विश्‍लेषणपूर्ण खबरें इसी दावे की छानबीन करेगी, गहराई में जाकर विश्‍लेषण करेगी। उसकी प्रामाणिकता की पड़ताल करेगी। इस तरह की खबर में निष्‍पक्ष ढंग से सभी पक्षों और परिस्‍थितियों को पेश किया जाता है। जो खबर को एक अर्थ देता है। पाठक सभी पहलू ...

If you want to do jouranlism : अगर आप केवल पत्रकारिता करना चाहते हैं तो आइए पत्रकारिता करते हैं

 पत्रकारिता - रिपोर्टिंग कैसे करें    मीडिया कोई भी हो, प्रिंट, इलेक्‍ट्रानिक, वेब या फिर सोशल। सभी के मूल में लेखन और प्रस्‍तुतिकरण ही है। उसके लिए हम कैसे अच्‍छे कंटेंट न्‍यूज के रूप में सामने लाएं। यह एक सबसे महत्‍वपूर्ण बिंदु है। पत्रकारिता के संस्‍थानों में तकनीकी ज्ञान, पत्रकारिता के भूत और भविष्‍य की चर्चा तो होती है। लेकिन न्‍यूज रूम में भीतर, फील्‍ड में जाकर न्‍यूज लाने की तकनीकी पर गहराई से बात नहीं होती है नतीजा पत्रकारिता में उंची डिग्री लेने के बाद जब युवा या युवती किसी मीडिया हाउस में जाते हैं तो हकीकत से सामना होने पर पांव से जमीन खिसकने जैसी स्‍थिति रहती है। पत्रकारिता को प्रोफेशन बनाने वाले युवाओं के लिए कुछ व्‍यवहारिक बातें सींखनी जरूरी है। मैं यह नहीं कहता है कि यही तकनीकी ही अंतिम है। लेकिन अपने अनुभव और वरिष्‍ठों से जो सीखने को मिला, वह आज और आने वाले समय में भी रिपोर्टिंग का एक मार्गदर्शक जरूर है।  यहां पत्रकारिता के इतिहास, भूगोल की चर्चा नहीं होगी। बस रिपोर्टिंग के तौर तरीके पर बात है। पत्रकारिता में करियर बनाना चाहते हैं तो कंप्‍यूटर पर न्‍यू...