पैसा क्या है कुछ लोग कहते हैं ये तो हाथ का मैल है, पैसा ही सब कुछ नहीं, पैसा भगवान नहीं लेकिन भगवान से कम नहीं। ये कुछ बातें पैसे को लेकर अक्सर सुनी जाती है। लेकिन वास्तव में पैसा है क्या, मुझे लगता है पैसा एक ऐसी चीज है, जिससे हम अपनी जिदंगी की गाड़ी को चला सके। अपनी आवश्यकताएं पूरी कर सकें। बस, इससे बढ़कर पैसा कुछ नहीं। और यहीं पैसा जब जिदंगी नहीं मौत का कारण बन जाए तो ऐसे पैसे का क्या औचित्य। जिदंगी कम नहीं जिदंगी बेशकीमती होती है। मान लीजिए कभी आप बीमार होते हैं, सारी चीजें आपके आसपास होकर भी आप कुछ नहीं कर सकते। लाख स्वादिष्ट पकवान हो, आप खा नहीं सकते, दुनियां की खूबसूरती को देखना चाहेंगे लेकिन वह अच्छा नहीं लगेगा। और कहीं कोई ऐसी बीमारी हो जाए और उसका कोई इलाज न हो, चाहें आप करोड़ों खर्च कर दें, फिर भी कुछ नहीं हो सकता है। ऐसे में हम किसे बड़ा कहेंगे पैसा या जिदंगी, मुझे लगता है कि जिदंगी की कोई कीमत नहीं लगा सकता है। ऐसे लोग जो पैसे के लिए अपनी जिदंगी को दांव पर लगाते हैं, वह शायद इसके विषय में नहीं सोचते हैं। अब मौत की बात सुने मौत जिदंगी की एक स...
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