स्मरण शक्ति को बढ़ाना चाहते हैं तो हर रोज काली मिर्च खाएं
हमारी रसोई में औषधि की खान है। मसालों से लेकर कई चीजें ऐसी हैं, जिसका अगर हम अपने खाने में नियमित इस्तेमाल करें तो कई तरह की बीमारियों से जहां बच सकेंगे। वहीं अपनी सेहत को भी बेहतर रख सकेंगे। रसोईघर में तो वैसे बहुत सारी चीजें हैं, सभी की अपनी - अपनी खासियत भी है। हमारी रसोई में एक ऐसा ही मसाला है
काली मिर्च या मरिच। ठंड के समय में या किसी भी समय अगर खांसी की समस्या है, तो काली मरिच, मिश्री और घी मिलाकर गोली बना लें। जब भी खांसी हो तो इसे मुंह में रखकर चूसने से काफी राहत मिलती है। दांत के दर्द, गठिया, पेट में कीड़े, बवासीर होने पर काली मिर्च उपयोगी है।
हिचकी दूर करती है ये: आयुर्वेद के विशेषज्ञों के अनुसार अगर किसी को हिचकी और सिरदर्द की समस्या है तो ऐसे लोग काली मिर्च को जलाकर उसके धुएं को सूंघें , इससे हिचकी बंद हो जाएगी। सिरदर्द भी ऐसा करने से दूर हो जाएगा।
सुरीली आवाज में भी है काली मिर्च उपयोगी
योग और आयुर्वेद के विशेषज्ञ स्वामी कर्मवीर महाराज के अनुसार बरसात के समय में या किसी भी समय अगर शरीर पर फुंसियां हों, तो उससे निजात पाने के लिए काली मरिच को गर्म पानी में पिसकर फुंसियों पर लगाने से त्वचा से संबंधित बीमारियों से राहत मिलेगी। यही नहीं अगर सुरीली आवाज चाहिए तो भी इसमें काली मरिच उपयोगी है। इसके लिए 10 ग्राम काली मिर्च, 10 ग्राम मुलहठी और 20 ग्राम मिश्री लेकर पीसकर चूर्ण बना सकते हैं। सुबह और शाम अगर एक चुटकी शहद के साथ काली मिर्च का सेवन किया जाए तो कुछ दिन में आवाज सुरीली हो सकती है।
अति सर्वत्र वर्जयते
हर चीज को एक सीमा तक लेने से लाभ मिलता है। यही काली मिर्च के साथ भी है। इसका अधिक सेवन करने से पेट में जलन, उल्टी और मूत्राशय में उत्तेजना जैसी समस्या भी हो सकती है।
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