प्रयागराज में कुंभ का भव्य आगाज़: आस्था का महासंगम प्रयागराज : गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती के पवित्र संगम पर आज से कुंभ मेले का भव्य आरंभ हो गया है। देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु, संत और साधु इस अद्वितीय आयोजन में हिस्सा लेने पहुंचे हैं। जैसे ही सूरज की पहली किरणें संगम के जल पर पड़ीं, पूरा वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से भर उठा। आस्था का अनमोल पर्व कुंभ मेला हिंदू धर्म का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जिसे 'आस्था का महासंगम' कहा जाता है। पौराणिक मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश से चार स्थानों पर अमृत की बूंदें गिरी थीं—प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक। इन्हीं स्थानों पर कुंभ का आयोजन होता है। " गंगा तारयति पापानि" "गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति। नर्मदे सिंधु कावेरी जलस्मिन्सन्निधिं कुरु।।" संगम में डुबकी लगाते हुए श्रद्धालु इस मंत्र का जाप कर रहे हैं। यह माना जाता है कि यहां स्नान करने से समस्त पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। भव्यता और विशेष आयोजन मेले में साधु-संतों की विभिन्न अखाड़ों की पेशवाई ने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया...
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