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चेहरे कई, इरादा एक: दोमुंहेपन की दुनिया में स्वागत है!

बाहर चमक, अंदर धमक: दोमुंहे लोगों की पहचान का मज़ेदार गाइड क्या आपने कभी किसी ऐसे शख़्स से मुलाकात की है, जो पहली नजर में तो बिल्कुल चाँद-सा लगे, पर थोड़ी देर बाद समझ आए कि अंदर से वो खाली डिब्बे जैसा है—शोर तो बहुत करता है, पर काम कुछ नहीं? अगर हाँ, तो स्वागत है! आप अकेले नहीं हैं। इस ब्लॉग में हम बात करेंगे उन "दोमुंहे सुपरस्टार्स" की जो हर कहीं मिल जाते हैं—ऑफिस, सोशल मीडिया, मोहल्ले की चाय की दुकान, या रिश्तों की भीड़ में। 1. शब्दों का जादू, कर्मों का झटका ऐसे लोग बातों से दिल जीत लेते हैं। हर वाक्य में ईमानदारी की दुहाई देंगे—"मैं तो हमेशा सच बोलता हूँ!" लेकिन अगले ही पल झूठ की ऐसी रचना करेंगे कि आप सोच में पड़ जाएँ। ब्लॉग नोट: जो जितना बोले "मैं सच्चा हूँ", वो उतना ही संदेहास्पद है। 2. चेहरा बदलने की रफ्तार, फरारी से तेज़ इनका बर्ताव हर जगह बदला हुआ मिलेगा—बॉस के सामने भक्त, पीठ पीछे बाग़ी; दोस्तों के बीच फनी, और अकेले में घोर नकारात्मक। ब्लॉग टिप: जो हर सीन में किरदार बदलता है, वो असल में एक अच्छा एक्टर नहीं, बल्कि एक 'रोल...